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How is your study room ?

कैसा हो आपका स्टडी रूम ?

किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर उसके आस-पास के माहौल एवं संगत का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्तित्व निर्माण की नींव बचपन में ही पड़ जाती है।  हालांकि सम्पूर्णता तो ईश्वर ने किसी को नहीं दी है, न ही सभी के पास सारे साधन उपलब्ध होते हैं।  मगर फिर भी यदि हम शुरू से ही जागरूक रहें, तो उपलब्ध साधनो का ही उपयोग करके एक अच्छे व्यक्तित्व के नींव डाल सकते हैं।  और इसके लियें सबसे अहम भूमिका होती है अभिभावकों की। 

How is your study room ?

आप शुरू से अपने बच्चों को जैसा माहौल देंगें, वो वैसे ही बनेंगें। यदि आप सोचते हैं की, सिर्फ अच्छे स्कूल में एडमिशन Admission करा देने से या Tution लगा देने से आपका बच्चा हमेशा अव्वल रहेगा, तो यह आपकी भूल है।  सिर्फ पैसा ही साड़ी समस्याओं का समाधान नहीं है।

इसलियें अपने बच्चो के विकास के लियें आप स्वयं भी जागरूक बनें।  चाहें आप दिन भर कितने ही व्यस्त रहते हों, मगर फिर भी थोड़ा समय अपने बच्चो के लियें जरूर निकालें।  यदि रोजाना ऐसा कर पाना सम्भव न हो, तो कम से कम सप्ताह में एक दिन ऐसा जरूर होना चाहिये, जिसके कुछ घण्टे आप अपने बच्चों को दे सकें। ऐसा करने से जहाँ एक तरफ आपको अपने बच्चो से जुडी हर छोटी-बड़ी बात की जानकारी रहेगी, वहीं दूसरी तरफ बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।  तो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लियें आज से ही तैयार हो जाइये, और सबसे इसकी शुरुआत कीजिये उनके Study room से 

क्योंकि बेहतर पढ़ाई के लियें एक अलग Study room का होना बहुत आवश्यक है।  हर बच्चा भीमराव अम्बेडकर की तरह नहीं हो सकता, जो की "Street light" की रौशनी में भी पढ़ लिया करते थे। 

इसलियें यदि आप अपने बच्चों से अच्छे परिणाम की अपेक्षा रखते हैं, तो उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने जिम्मेदारी भी आपकी ही बनती है।  और उसी जिम्मेदारी का एक हिस्सा है "Stydy room".

आप घर के किसी भी ऐसे हिस्से में स्टडी रूम बना सकते हैं, जहाँ ज्यादा शोर-शराबा न होता हो, और प्रकाश की उचित व्यवस्था हो। 

How is your study room ?

बच्चो की सुविधानुसार "Study room" में कुर्सी-मेज व बुक-सेल्फ होने चाहियें, और बच्चो के पाठ्यक्रम से सम्बन्धित पुस्तकों के अलावा अलग से भी पुस्तकें होना चाहिएं जो उनका ज्ञानवर्धन कर सकें।  साथ ही साथ सभी पुस्तकों पर सीरियल नंबर अंकित होना चाहियें, और बुक-सेल्फ में भी ये सलीके से लगी होनी चाहियें, न  अस्त-व्यस्त तरीके से।  ऐसा करने से एक तो बच्चो को कोई पुस्तक ढूंढने में ज्यादा समय खर्च नहीं करना पड़ेगा, दूसरे बच्चों में स्वयं को तथा अपने सामान को Neet & Clean रखने की Habit भी पड़ेगी।  इसके अतिरिक्त पर्याप्त रौशनी के लियें Tube light व Table lamp के अलावा प्राकृतिक प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था होना चाहियें। और अन्त में बारी आती है Study room की सजावट की। 

how is your study room ?

इसके लियें आप इसकी दीवारों पर हल्के रंग का पेन्ट करवायें, क्योंकि चटकीले रंगों की अपेक्षा हल्के रंगो को देखने में आँखों को सहजता महसूस होती है।  पढ़ने के लियें कमरे में कुर्सी-मेज इस प्रकार से व्यवस्थित करें कि पढ़ते समय मुँह पूर्व दिशा की ओर हो, क्योंकि वास्तु की दृष्टि से भी पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है। 

इसके अलावा दीवारों पर बढ़िया प्राकृतिक सीनरी लगाने के साथ-साथ Study room में फूल, पौधों को भी स्थान दीजिये। और ध्यान रखें की यह पौधे Original हो न कि, Artificial । 

इसलियें अपनी पसन्द के अनुसार Money plant या अन्य किसी फूल अथवा बेल को Study room में सजायें और अपनी कल्पना शक्ति की सहायता से यहाँ के  माहौल को यथासम्भव पढ़ने योग्य बनाएं। और फिर देखें की आपके बच्चों में पढ़ने के लिये कितनी जागरूकता पैदा होती है। 

क्योंकि जब आपके घर में पढ़ाई करने के लिये उपयुक्त माहौल होगा, और उसका सहयोग भी उनके साथ होगा, तो बच्चे क्यों नहीं पढ़ना पढ़ना चाहेंगें ?

इसलियें यदि आप कल्पना शक्ति में विश्वास रखते हैं, और अपने बच्चों को एक अच्छे व्यक्तित्व का मालिक बनाना चाहते हैं, तो इस बेहतर शुरुआत के लियें कल का इन्तजार बिल्कुल मत कीजिये। 

आखरी शब्द - 

अपने बच्चों के कल को एक मजबूत आधार देने के लियें, अपने आज को समर्पित करने के लिये भी तैयार रहिये। 

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